“वेटरनरी विवि की दीवार तुड़वाकर पूर्व डीसी ने बस स्टैंड बनवाया, विस में सवाल उठा तो प्रशासन बोला – जनता ने तोड़ी” इस सिलसिले में एटक के वरिष्ठ नेता कामरेड रामेश्वर शर्मा ने बताया कि रोडवेज कार्यशाला निर्मित गार्ड रूम,समय पालक शाखा, डीजल रुम, बसों की धुलाई का वासिंग सेक्शन, रिकार्ड रूम के दो कमरों को तोड़ कर वर्कशॉप की दक्षिण दीवार के पास इंदिरा कोलोनी स्थित करीब ८-१० घरों के आगे करीब १०-१२फीट रास्ते /सड़क को रोडवेज की दक्षिण साईड एवं उपरोक्त सभी निमार्ण तोड़ कर रास्ता निकालने का पुरजोर प्रयास किया गया था जिसके लिए तत्कालीन डीसी ने दो बार प्रयास किये ।एक बार तो अफसरों के साथ आकर बिना इजाजत के रोडवेज के कार्यशाला में जाकर रास्ता निकालने की देख भाल की और बाद में रोडवेज के मुख्य प्रबंधक को बुला कर रास्ता निकालने और सारे निर्माण कार्य ध्वस्त करने के निर्देश दिए इस पर मुख्य प्रबंधक ने एमडी से जयपुर बात की और उनके निर्देश के लिए पत्र लिखा । इधर रोडवेज मोर्चे की युनियनो के नेतागण तथा रिटायर्ड एम्पलाईज एसोसिएशन के सचिव गिरधारीलाल जो कि डी सी साब के समक्ष मिलकर इस कार्यवाही का डटकर प्रदर्शन कर विरोध किया । रोडवेज कर्मियों के सामूहिक विरोध के आगे एक बार तो शांति हो गयी परन्तु फिर करीब १५ दिनों के बाद अचानक खुद डीसी अपने तामझाम के साथ और पुलिस को ले कर पुनः आ धमके और साथ मजदूर भी थे । रोडवेज की बिना इजाजत के वर्कशॉप अन्दर के
निर्माण कार्यों गार्ड रूम,समय पालक, डीजल रूम, वासिंग डग, रिकार्ड रुम के दोनों कमरे तोड़ कर रास्ता निकालने का प्रयास करने लगे । रोडवेज के सभी संगठनों ने मौके पर पर पहुंच कर नारेबाजी करते हुए इसका पुरजोर विरोध किया और घोषणा की गई कि यदि जबरन रास्ता निकालने के लिए तोड़फोड़ की कार्यवाही करते ही तत्काल रोडवेज बसों का “चक्का जाम” करने की चेतावनी दी और रोडवेज के पट्टे शुदा जमीन पर अतिक्रमण करने का और तोड़फोड़ करने का रोडवेज कर्मियों द्बारा मुकाबला करने की बात कही तब जाकर यह कार्यवाही रुकी। आगे बताया कि फिर भी डीसी का ट्रांसफर हो जाने तक कुछ लोगों द्बारा निरंतर प्रयास किया और डीसी का ट्रांसफर रुकवाने के लिए धरना भी लगाया । रोडवेज बसों के चक्का जाम की खबर से रोडवेज के जयपुर स्थित प्रशासन के कान खड़े हो गये और रोडवेज के चैयरमेन जिनके पास गृह सचिव का भी जिम्मा है, ने तत्काल इस प्रकार की नियम विरुद्ध कार्यवाही को रोकने के लिए निर्देश डीसी बीकानेर को दिये । हालांकि गंगानगर चौराहे पर बस स्टैंड बनवाने का भी एटक यूनियन ने डीसी को पत्र लिखकर विरोध किया था इसके लिए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसे माननीय न्यायालय की अवमानना बताया पंरतु राजस्थान हाईकोर्ट के आदेशो की अनदेखी करते हुए धता बताकर विभागीय लोगों के पुरजोर विरोध को दरकिनार करते हुए निजी बस मालिकों के दबाब में ये कथित बस स्टैंड बनवाये गये । जनता के द्बारा दीवार तोड़ने की बात सरासर झूठ है जबकि ये दीवार खुद डीसी और निजी बस मालिकों ने खड़े रह कर तुड़वाकर कर बस स्टैंड बनवाया है ।
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मोर्चे के संयोजक श्यामदीन ने बताया कि रोडवेज मोर्चे का विरोध नहीं होता तो रोडवेज कार्यशाला में से तोड़फोड़ कर सड़क निकालने में सफल हो जाते। आगे इसका विरोध जताते हुए बताया कि दोनो बनाये गये बस स्टेंड सरकारी नियम विरुद्ध व रोडवेज के राजस्व को नुकसानदेह है।

