बीकानेर। ग्रेड थर्ड टीचर भर्ती 2022 में अब उन कैंडिडेट्स को भी नियुक्ति मिल सकेगी, जिन्होंने अंग्रेजी, हिन्दी, पंजाबी को ऑप्शनल (वैकल्पिक) के बजाय अनिवार्य सब्जेक्ट के रूप में पढ़ा है। हाईकोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाया कि 3 साल की ग्रेजुएशन के दौरान पढ़े गए सब्जेक्ट्स को अब ऑप्शनल सब्जेक्ट्स के समकक्ष माना है। कोर्ट ने ऐसे सभी कैंडिडेट्स को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल रखने के आदेश दिए हैं।
लेवल 2 की भर्ती में अंग्रेजी, हिन्दी, पंजाबी सब्जेक्ट्स ऑप्शनल के रूप में होने पर ही पात्र माना गया था। कैंडिडेट्स ने दलील दी थी कि जिस सब्जेक्ट को शिक्षा विभाग ऑप्शनल के रूप में मांग रहा है, हम उन सब्जेक्ट्स को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ चुके हैं। नियुक्ति के लिए इन विषयों की पढ़ाई ग्रेजुएशन में जरूरी है। इस शर्त को कैंडिडेट्स पूरा कर रहे हैं। अब उन्हें ऑप्शनल या अनिवार्य सब्जेक्ट को आधार मान कर अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता।
सैकड़ों कैंडिडेट्स को बड़ी राहत
याचिकाकर्ताओं के वकील सुशील बिश्नोई ने बताया कि अब लेवल 2 में अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी विषय के कैंडिडेट्स की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। मंजू बाला और अन्य याचिकाओं पर फैसला देते हुए जस्टिस अरुण भंसाली की अदालत ये निर्णय दिया है। बिश्नोई ने बताया कि इस आदेश के बाद सैकड़ों कैंडिडेट्स को बड़ी राहत मिलेगी। अब शिक्षा निदेशालय और भर्ती एजेंसी को भविष्य में होने वाली वैकेंसी में भी इसका ध्यान रखना होगा।
क्या था विवाद
एक्सपर्ट वेदपाल धानोठी ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्ती जिलों से आने वाले स्टूडेंट्स पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, एमपी, गुजरात से ग्रेजुएशन करते हैं। इन राज्यों में भाषाई विषयों के रूप में अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती और पंजाबी अनिवार्य सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाए जाते हैं। साथ ही इनके नंबर भी फाइनल स्कोरिंग में ऑप्शनल विषय के समान जुड़ते हैं।
जबकि राजस्थान में अनिवार्य विषय केवल एक साल क्वालीफाई सब्जेक्ट में रूप में पढ़ाया जाता है। इसके नंबर भी फाइनल स्कोरिंग या ग्रेडिंग में नहीं जुड़ते हैं। मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पिछली भर्तियों (2016 और 2018) में भी ऐसे कैंडिडेट्स को पात्र करार दे चुका है। इसके साथ ही निदेशालय ने उनको नियुक्तियां भी दी हैं।
जबकि वर्तमान रीट भर्ती में डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के दौरान ग्रेजुएशन में अंग्रेजी, हिंदी, और पंजाबी ऑप्शनल सब्जेक्ट न होने के कारण फिर से अपात्र घोषित कर दिया था। धानोठी के अनुसार राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या सैकड़ों में हैं।
ग्रेड थर्ड टीचर्स भर्ती में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

