बीकानेर अपनी मांगों को लेकर पिछले करीब सवा महिने से आंदोलन कर रहे नर्सेज ने अब आर पार की लड़ाई का मूंड बना लिया है। राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के आव्हान पर पीबीएम होस्पीटल समेत तमाम सरकारी होस्पीटलों और डिस्पेंसरियों के नर्सेज ने शुक्रवार को सामुहिक अवकाश आव्हान कर दिया है। ऐसे में पीबीएम होस्पीटल होस्पीटल समेत सरकारी होस्पीटलों और डिस्पेंसरियों में चिकित्सा व्यवस्था लडख़ड़ा सकती है। वहीं दूसरी और पीबीएम प्रशासन की और से पत्र जारी करते हुए चेतावनी दी गयी है कि अगर कोई नर्सेज अवकाश पर जाएंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस सम्बंध में पीबीएम के अधीक्षक पीके सैनी की और से दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए है। एक आदेश में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि 25 अगस्त को सामूहिक अवकाश व हड़ताल को देखते हुए समस्त मैटर्नस/वार्ड प्रभारी किसी भी प्रकार के अवकाश व डे ऑफ पर नहीं जाएंगे अगर फिर भी आदेशें की अवहेलना की जाती है तो उनके विरूद्ध चिकित्सालय आपातकाली सेवा में असहयोग मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।वहीं एक अन्य पत्र के माध्यम से यूटीबी नर्सिग ऑफिसरों को चेतावनी दी गयी है कि अगर 25 अगस्त को वो अवकाश पर जाते है तो उनकी सेवाएं तुरंत प्रभाव से निरस्त की जाएगी।
नब्बे फिसदी नर्सेज ने दी छूट्टी की अर्जी जानकारी के अनुसार राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के आव्हान पीबीएम में 1250 में से 1150 नर्सेज ने छुट्टी की अर्जी दे दी है। इसके अलावा नर्सिंग स्टूडेंट्स ने भी अवकाश ले लिया है। राज्य सरकार ने यूटीबी के अवकाश पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद करीब 450 यूटीबी छुट्टी पर रह सकते है। करीब चार हजार बेड वाले हॉस्पिटल में तीन हजार से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। उन्हें संभालने के लिए 1250 नर्सेज की नफरी है, जिनमें 450 यूटीबी हैं। इनमें 1150 ने अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र जिला मुख्य नर्सिंग अधीक्षक को थमा दिए हैं। एक तरफ पीबीएम प्रशासन ने छुट्टी नहीं लेने के लिए सख्त आदेश दिए है तो दूसरी और नर्सिग कर्मचारी छुट्टी पर जाने का पत्र लिख चुके है। ऐसे में पीबीएम होस्पीटल में चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह लडख़ड़ा सकती है।
पीबीएम होस्पीटल समेत तमाम सरकारी होस्पीटलों और डिस्पेंसरियों के नर्सेज ने शुक्रवार को सामुहिक अवकाश

