


जयपुर। करीब 8-9 दिन से मानसून पर लगे ब्रेक ने बरसात का हिसाब-किताब गड़बड़ा दिया है। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार मानसून की ट्रफ लाइन अपने सामान्य स्थान से उत्तर की ओर (हिमालय की तरफ) खिसक गई है। जिसके कारण हिमालय रीजन के राज्यों में अच्छी बरसात हो रही है। वहीं पश्चिमी व मध्य भारत बरसात की कमी झेल रहे हैं। ट्रफ लाइन एक कम दबाव का क्षेत्र है जो बंगाल की खाड़ी से एक सीधी रेखा के रूप में पाकिस्तान तक फैला रहता है। सामान्य स्थिति में यह उड़ीसा, झारखण्ड, उत्तरी छतीसगढ़ व मध्यप्रदेश, दक्षिणी उत्तरप्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के ऊपर होती है। इस रेखा के इर्द-गिर्द ही मानसून की अच्छी बारिश होती है। ट्रफ लाइन के दक्षिण यानी नीचे की तरफ सरकने पर देश के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार बारिश चलती है जबकि उत्तर की तरफ सरकने पर हिमालच के तलहटी क्षेत्रों में ही बारिश होती है। देश के अधिकांश हिस्सों में सूखा रहता है, जिसे सामान्यत: मानसून का ब्रेक कहते हैं।
16 को भरतपुर और 17 को कोटा में होगी बारिश
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार अगले एक सप्ताह राज्य के अधिकांश भागों में मानसून कमजोर रहेगा। 16 अगस्त को भरतपुर जिले और 17 अगस्त को कोटा जिले के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। शेष अधिकतर भागों में मौसम शुष्क रहेगा। वहीं पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर संभाग 10 दिन मानसून पर ब्रेक रहेगा।
राजस्थान में 20 अगस्त से सक्रिय होगा मानसून
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मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, मानसून की ट्रफ लाइन हिमालय की तलहटी में शिफ्ट हो गई है, जिसके कारण उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश हो रही है। 20 अगस्त के आसपास ट्रफ लाइन अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएगी। उसके बाद ही राजस्थान में बारिश होगी। तब तक राज्य में मानसून की स्थिति सामान्य रहेगी।
मानसून का अहम महीना सूखा
चार महीने का मानसून सीजन जून से ही शुरू हो जाता है। प्री मानसून बारिश भी इसी में गिनी जाती है। चार महीने के समय में सबसे अहम महीना अगस्त ही होता है। अहम महीना ही इस बार सूखा बीत रहा है। वहीं सितम्बर के अंतिम महीने में मानसूनी हवा पीछे हटनी शुरू हो जाती है इसे मानसून का लौटना कहते हैं।