


जयपुर।नए जिलों के नोटिफिकेशन को मंजूरी के साथ ही जयपुर जिला अब पूरी तरह शहरी जिला बन गया है। जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम के क्षेत्र में जयपुर जिला रह गया है। नए जिलों के सरकारी रिकॉर्ड में बदलाव होंगे, लेकिन जयपुर के दस्तावेजों में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं रहेगी। जयपुर का जिला मुख्यालय पुराना ही रहेगा। पुराने जयपुर का भूगोल पूरी तरह बदल गया है। पुराने जयपुर से अब जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू और कोटपूतली-बहरोड़ जिले बन गए हैं। पुराने जयपुर के चार टुकड़े होने के बाद जयपुर कलेक्ट्रेट का इलाका अब नगर निगम क्षेत्र तक सिमट कर रह जाएगा।जयपुर जिला- नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज को मिलाकर जयपुर नया जिला बना है। इसमें चार उपखंड जयपुर, कालवाड़, सांगानेर और आमेर को शामिल किया गया है। वहीं सांगानेर, आमेर, कालवाड़ और बगरू तहसील के नगर निगम ग्रेटर व हेरिटेज के वार्ड शहरी जिले में ही रहेंगे। जयपुर ग्रामीण जिला- नगर निगम ग्रेटर के 39 वार्डों को छोड़कर पूरा सांगानेर, हेरिटेज के 4 वार्ड के अलावा आमेर, बस्सी, चाकसू, जमवारागढ़, चौमूं, सांभरलेक, माधोराजपुरा, रामपुरा डाबड़ी, किशनगढ़-रेनवाल, जोबनेर और शाहपुरा तहसील इसमें शामिल की गई हैं। कोटपूतली-बहरोड़ जिला- इसमें बहरोड़, बानसूर, नीमराना, नारायणपुर, कोटपूतली, विराटनगर और पावटा तहसीलें रहेंगी। दूदू जिला- इसका सीमा निर्धारण दूदू, फागी, मौजमाबाद तहसीलों को मिलाकर किया है। जयपुर में अब ये बदलेगा कलेक्ट्रेट और दफ्तर अलग-अलग बनेंगे जयपुर और जयपुर ग्रामीण जिलों का मुख्यालय शहर में ही रहेगा। दोनों जिलों का जिला मुख्यालय नहीं बदलेगा। जयपुर ग्रामीण का कलेक्ट्रेट और दफ्तर अलग से बनेंगे। जयपुर जिले में जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर में आने वाली तहसीलें आएंगी। इन तहसीलों का शहरी क्षेत्र जयपुर में आएगा। जयपुर जिले में जयपुर, कालवाड़, आमेर और सांगानेर तहसील का नगर निगम क्षेत्र शामिल होगा। नए जिलों के नोटिफिकेशन में इस सीमांकन को शामिल किया गया है। अब जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू की जिला परिषद अलग बनेंगी, जिला प्रमुख अलग बनेंगे अब जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू की जिला परिषद अलग-अलग होंगी। जिला परिषदों के अलग से चुनाव होंगे। अब तक केवल जयपुर का जिला प्रमुख था। अब जयपुर, जयपुर ग्रामीण और दूदू के जिला प्रमुख होंगे। विरोध के बाद जयपुर में नया फाॅर्मूला निकाला, दूदू उसी वजह से छोटा जिला रहा सीएम ने जिलों की घोषणा के समय जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिले बनाने की घोषणा की थी। जयपुर शहर को दो भागों में बांटने का भारी विरोध हुआ। जयपुर शहर और ग्रामीण दोनों इलाकों के लोग इसका विरोध कर रहे थे। रैलियां और धरने प्रदर्शन तक हुए। इसमें सभी पार्टियों के लोग शामिल हुए। जयपुर ग्रामीण के जोबनेर, सांभर, फुलेरा इलाके के लोग दूदू में शामिल होने का विरोध कर रहे थे। हिंसक प्रदर्शन हुआ। विरोध काे देख कर सरकार ने नया फाॅर्मूला निकाला। दूदू में केवल दूदू विधानसभा क्षेत्र में आने वाला इलाका ही रखा गया। जयपुर नगर निगम क्षेत्र को जयपुर जिला और बाकी इलाकों को जयपुर ग्रामीण जिले में शामिल कर लिया। कांग्रेस-बीजेपी में पहले से ही जयपुर और जयपुर ग्रामीण अलग-अलग जिले जयपुर जिले का पूरा हिस्सा अब शहरी हो गया है। जयपुर जिले का पूरा भाग जयपुर शहर लोकसभा में आएगा। कांग्रेस और बीजेपी में संगठन के हिसाब से जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण पहले से अलग-अलग जिले हैं। दोनों ही पार्टियों में शहर और ग्रामीण के जिलाध्यक्ष व जिला कार्यकारिणी अलग-अलग हैं। ऐसे में संगठन के हिसाब से कुछ नहीं बदलेगा।
