अनूपगढ।अनूपगढ़ के बीचों बीच बने 350 वर्ष पुराना गढ़ का एक हिस्सा क्षेत्र में बीती रात हुई बारिश में ढह गया। गनीमत रही कि गढ़ का हिस्सा अंदर की तरफ गिरा है। अगर यही हिस्सा बाहर की तरफ गिरता तो जान माल का नुकसान हो सकता था। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया है।आरटीआई कार्यकर्ता रवि ठाकरानी ने बताया कि गढ़ के बाहर की तरफ आबादी क्षेत्र है और गढ़ की दीवारें इतनी ऊंची है कि अगर दीवार बाहर की तरफ गिरती तो गढ़ के सामने बने हुए घर धाराशाई हो जाते। काफी वर्षों से प्रशासन को गढ़ की जर्जर अवस्था के बारे में बताया जा रहा है।उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी कई बार जर्जर हालत के बारे में बताया गया। मगर प्रशासन और केंद्रीय मंत्री की ओर से गढ़ की हालत को सुधारने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन इस गढ़ की ओर ध्यान नहीं देना चाहता तो इसको नष्ट कर दें। ताकि कोई बड़ा नुकसान न हो।सामाजिक कार्यकर्ता कुशाल चुचरा ने प्रशासन से मांग की है कि यह गढ़ भारत की राष्ट्रीय धरोहर है। इसकी रक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। गढ़ की सार संभाल करें उसे सुंदर बनाए ताकि अनूपगढ़ के साथ-साथ अन्य स्थानों से भी लोग इस गढ़ को देखने के लिए आए।उपखण्ड अधिकारी प्रियंका तलानिया ने बताया कि मौके पर अधिकारियों को भेजा जाएगा और मामले की जांच की जाएगी। जांच के बाद आवश्यकता अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

