


बीकानेर। राज्य के स्कूलों में 17 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए हैं। वहीं, गर्मी की छुट्टियों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले खुलने की भी उम्मीद है। तबादलों में मौका नहीं मिलने के डर से सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कार्यरत राज्य के करीब 1200 शिक्षकों ने वापस हिंदी मीडियम में जाने का विकल्प चुना है।
पिछले चार साल में राज्य में हिंदी से इंग्लिश मीडियम में रूपांतरित किए गए करीब 1650 स्कूलों में साक्षात्कार के जरिए शिक्षकों का चयन किया गया था। परीक्षण में खरा उतरने के बाद इनको अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पोस्टिंग दी गई थी। वहीं, दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों ने अपने ब्लॉक के गांव में शुरू हुए इंग्लिश मीडियम स्कूलों में लगने के लिए साक्षात्कार दिए। अनेक शिक्षक इंटरव्यू में सफल भी हुए जिन्हें इंग्लिश मीडियम स्कूल में पोस्टिंग दी गई। लेकिन इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को तबादलों के दौरान हिंदी मीडियम स्कूलों में नहीं लगाया गया। अब अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में अलग कैडर के नियम बन चुके हैं।
जिनमें जिले और मंडल की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में ग्रेड थर्ड और सेकंड ग्रेड शिक्षकों को राज्य के किसी भी जिले में लगाया जा सकेगा। तबादलों में गृह जिला छूट ना जाए इसलिए अनेक शिक्षक वापस हिंदी मीडियम में जाना चाह रहे हैं। शिक्षा विभाग ने 5 मई तक इन शिक्षकों से विकल्प मांगा था। राज्य के करीब 1200 और बीकानेर के इंग्लिश मीडियम स्कूल में कार्यरत 77 शिक्षकों ने वापस हिंदी मीडियम में जाने का विकल्प दिया है।
इधर…पिछले साल इंग्लिश मीडियम स्कूलों के शिक्षकों का हिंदी मीडियम में नहीं हुआ तबादला
पिछले साल शिक्षा विभाग में करीब 4 हजार व्याख्याता और ढाई हजार प्रिंसिपल के स्थानांतरण हुए। जिसमें महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को मौका नहीं दिया गया। तबादला आदेश में स्पष्ट लिखा गया था कि इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कार्यरत शिक्षक का तबादला हो गया है तो उसकी ज्वॉइनिंग पर रोक रहेगी।
नए नियम : शिक्षा सत्र के बीच में नहीं बदल सकेंगे स्कूल
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयन के बाद शिक्षकों का शिक्षा सत्र के बीच में वापस हिंदी माध्यमिक स्कूलों में जाना संभव नहीं होगा। बदलाव के लिए प्रतिवर्ष नई चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले आवेदन लिए जाएंगे। रिक्त स्थानों पर नए शिक्षकों का चयन होने के बाद पूर्व में कार्यरत शिक्षक को अपने मूल स्थान पर भेजा जाएगा।
