


कोटा। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर दिए बयान के मामले में बीजेपी विधायक मदन दिलावर की शिकायत (इस्तेगासा) पर कोर्ट ने पुलिस को मामला दर्ज कर जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
दिलावर के वकील एडवोकेट मनोज पूरी ने बताया- मार्च में महावीर नगर थाने में रंधावा के खिलाफ शिकायत दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। फिर दिलावर की तरफ से कोटा में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 6 (्रष्टछ्वरू -6) में कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ इस्तेगासा पेश किया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सोमवार को महावीर नगर थाना पुलिस को दिलावर के प्रार्थना पत्र पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए।
मनोज पूरी ने बताया- 3 मई को इस्तेगासा पेश किया गया। 10 मई को कोर्ट ने एसपी शरद चौधरी से रिपोर्ट मांगी थी। जिस पर एसपी ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। रिपोर्ट में बताया कि रंधावा ने जयपुर में भाषण दिया था इसलिए कोटा में मामला नहीं बनना पाया जाता। इस कारण कोटा मुकदमा दर्ज नहीं किया।
कोर्ट ने बहस सुनने के बाद कहा- जो भाषण जयपुर में दिया गया था। उसका प्रभाव कोटा के साथ साथ पूरे देश में भी। फौजदारी मामले में जिस अपराध का परिणाम अगर कहीं भी नहीं निकलता तो वहां पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। कोर्ट ने स्नढ्ढक्र दर्ज करके मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।ये था मामला एडवोकेट मनोज पुरी ने बताया- 13 मार्च को कांग्रेस पार्टी द्वारा जयपुर में आम सभा आयोजित की गई थी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भाषण दिया था कि ‘अडानी को मारने से कुछ नहीं मिलेगा, मोदी को खत्म करो। मोदी खत्म हो गया तो देश बच जाएगा। अगर मोदी रहा तो देश बर्बाद हो जाएगा’।हिंसा भडक़ाने का प्रयास किया एडवोकेट ने कहा- रंधावा द्वारा भीड़ के बीच देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ हेट स्पीच दी गई। पीएम मोदी के विरुद्ध भडक़ाने उनकी हत्या करने के लिए प्रेरित करने, राष्ट्र की एकता व अखंडता को भंग करने और लोगों के बीच घृणा व हिंसा भडक़ाने का प्रयास किया है। जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी,124 ए, 295 ए, 504, 506, 511 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध है।थाने ने पहले दर्ज नहीं किया था केस मनोज पूरी ने बताया- 18 मार्च को विधायक दिलावर ने महावीर नगर थाने में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी। कांग्रेस की सरकार होने व कांग्रेस पार्टी का प्रदेश प्रभारी जैसा बड़ा पद होने के कारण रंधावा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
