


जयपुर। कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण और संगठन को लेकर कवायद तेज कर दी गई है। कौन विधानसभा सीटों पर टिकट के लिए उपयुक्त हैं और किनका जनप्रतिनिधि के रूप में रहने के बजाय संगठन में ज्यादा उपयोग है, इस पर काम शुरू कर दिया गया है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक आने वाले चुनाव के लिए रणनीति में जुटे हैं।
रंधावा के राजस्थान दौरे से इसको और गति मिली। कांग्रेस ने पिछले दिनों अदाणी समूह के विरोध में राजभवन घेराव का किया था। उसी में रंधावा ने बहुत ही स्पष्ट तौर पर कहा था कि जो कार्यकर्ता फील्ड में कार्य करेगा, वही टिकट का हकदार होगा। बताया जा रहा है रंधावा ऐसे नेताओं-कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करा रहे हैं, जिन्हें चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में ऑब्जर्वर लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
जिलेवार सर्वे के लिए विधायक-नेता ऑब्जर्वर नियुक्त किए जा रहे
रंधावा अपने नजदीकी विधायकों-नेताओं को जिलेवार सर्वे के लिए ऑब्जर्वर नियुक्ति का काम कर रहे हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने पंजाब के दो विधायकों को ऑब्जर्वर बनाकर राजस्थान भेजा था। ये दोनों विधायक फीडबैक लेने को श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ पहुंचे थे। दोनों ने वहां के स्थानीय कार्यकर्ताओं, नेताओं, जनप्रतिनिधियों, आमजन से बातचीत की और फीडबैक लिया। बताया जा रहा है कि दोनों ने रिपोर्ट बनाकर रंधावा को सौंप भी दी है। इसी तरह अब दो-दो विधायकों या अन्य जनप्रतिनिधियों-नेताओं को इसी तरह जिलों में भेजकर फीडबैक मंगवाया जाएगा। उसके आधार पर आगामी चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी।
संगठन में कौन रहेगा, किसे मिलेगा टिकट रंधावा टिकट के दावेदारों की जानकारी के साथ यह भी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि कौन-कौन नेता संगठन में ज्यादा बेहतर काम कर सकते हैं। ऐसे में ऑब्जर्वर्स को यह टास्क भी अब दिया जाएगा कि वे संगठन के लिए काम करने वाले नेताओं की अलग से सूची बनाएं और उनके लिए या उनसे वैसा ही फीडबैक लाकर दें।
