


बीकानेर। वायु मंडल में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण मार्च में लगातार चौथा पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। तीसरे विक्षोभ का असर सोमवार से कमजोर हो गया। 21-22 को धूप निकलेगी, लेकिन 23 से फिर विक्षोभ के कारण बारिश और तेज हवाएं चलने के संकेत हैं। सोमवार को मौसम मिला-जुला रहा। बादल भी रहे और धूप भी निकली लेकिन गर्मी गायब थी।
दोपहर में चंद बूंदें भी गिरी। हालांकि रात से आसमान साफ हो जाएगा। मंगलवार और बुधवार को आसमान पूरी तरह साफ रहेगा क्योंकि 19 मार्च को आए विक्षोभ का असर कमजोर होने लगेगा लेकिन किसानों की चिंता बढ़ाने के लिए 23 और 24 को फिर एक विक्षोभ आ रहा है। जिसका खासा असर बीकानेर और जोधपुर संभाग में होगा। हालांकि पूर्वी राजस्थान में तो इससे भी ज्यादा चिंता होगी क्योंकि वहां ओले भी पड़ सकते हैं। बीते दो दिनों से बारिश और हवा के बाद भी पारा 17 डिग्री के करीब ही पहुंचा था। बीती रात का न्यूनतम तापमान 17.7 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार को अधिकतम तापमान 29.9 डिग्री रहा।
गांवों में ओलावृष्टि से ईसबगोल, जीरे की फसल को नुकसान, जैतपुर-सारूंडा में मवेशियों पर बिजली गिरी पश्चिम विक्षोभ के कारण सोमवार को गांवों में बारिश और ओलावृष्टि हुई। सबसे ज्यादा ओले नोखा तहसील के उडसर, मोरखाना, सिंधु और बीकानेर तहसील के मूंडसर और सींथल गांव में चने के आकार के ओले गिरे।
वहीं लूणकरणसर तहसील के फूलदेसर, सहनीवाल में भी ओले गिरे। वहीं सबसे ज्यादा बारिश मूंडसर और सींथल में हुई। \ गांवों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी ईसलगोल, जीरा, सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। ओलों के कारण खड़ी फसल खराब हो गई। वहीं सारूंडा और जैतपुर में आकाशीय बिजली गिरने से 8 बकरियों और एक भैंस की मौत हो गई वहीं तीन बकरियां गंभीर रूप से झुलस गई। पांचू क्षेत्र के सारूंडा गांव में लगातार दूसरे दिन शाम 6 बजे तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। शाम 6 बजे बारिश शुरू होने से पहले तेज गर्जना के साथ उतरादी रोही में लालसिंह सोलंकी की ढाणी के आगे खेजड़ी के पेड़ पर बिजली गिरी। इससे पड़े के नीचे खड़ी 11 बकरियों में से 8 की मौत हो गई।
