


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी राजस्थान सरकार का बजट पेश करने वाले हैं। जिसमें चुनावी साल होने के चलते कई ऐसी घोषणाएं संभव हैं जो आपने सोची भी ना हों. ऐसी ही एक घोषणा हो सकती है जिसमें दिल्ली की तरह मुफ्त बिजली का मुद्दा भुनाया जा सकता है 10 फरवरी 2023 को राजस्थान में गहलोत सरकार राज्य का बजट पेश करने वाली है. चुनावी साल होने के चलते बजट राहत, बचत और बढ़त के फॉर्मूले पर आधारित होगा।
इसी कड़ी में बताया जा रहा है कि गहलोत सरकार बजट में घरेलू उपभोक्ताओं को फ्री बिजली देने का दायरा 50 यूनिट से और बढ़ाकर 200 या 300 यूनिट तक कर भी सकती है. हालांकि ऐसा होता है तो कितना वित्तीय भार सरकार पर पड़ेगा, इसका आंकलन नहीं हो सका है.
कुछ दिन पहले ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में कांग्रेस घोषणापत्र में 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया था. इसके अलावा राजस्थान में इस बार चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल भी सक्रिय है और 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान हो चुका है. माना जा रहा है कि गहलोत इस ऐलान से केजरीवाल को पटखनी दे सकते हैं.
फ्री बिजली की यूनिट बढ़ा सकते हैं गहलोत
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आपको बता दें कि दिल्ली में उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली फ्री और 201 से 400 यूनिट तक अगर कोई बिजली इस्तेमाल करे तो उसे बिल में 50 फीसदी की छूट मिलती है. वहीं पंजाब सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को दो महीने में 600 यूनिट बिजली फ्री और एक किलोवॉट तक कनेक्शन वाले एससी, बीसी और बीपीएल उपभोक्ता को घरेलू बिजली फ्री में देती है.
वर्तमान में राजस्थान में एक अप्रैल 2022 से 50 यूनिट तक बिजली फ्री है और 150 यूनिट तक बिजली खर्च पर 3 रुपए प्रति यूनिट, 150 से 300 यूनिट तक 2 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी है. इसके अलावा 300 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने पर सरकार ने एक स्लैब तय किया है.
सीएम अशोक गहलोत का राजस्थान में वर्तमान सरकार को ये आखिरी बजट है. जिसमें गहलोत साल के आखिर में होने वाले चुनावों को देखते हुए कई और बड़े और लोक लुभावन फैसले कर सकते हैं.