


जयपुर। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में ओपीडी इंजेक्शन की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। सरकारी कर्मियों-पेंशनर्स को डे केयर या अस्पताल में भर्ती होकर ही इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे हैं। इसके तहत सभी एंटिबायोटिक और कैंसर, किडनी, हृदय व अन्य रोगों के इंजेक्शन अब अस्पताल मे ही लगवाए जा सकेंगे। 13 इंजेक्शन को छोडक़र सब बंद कर दिए गए हैं।
इनमें इंसुलिन और 100 रुपए से कम के इंजेक्शन शामिल हैं। ऐसे आरजीएचएस प्रशासन का तर्क, ओपीडी इंजेक्शनों में अनियमितता हो रही थी।मरीजों की पीड़ाकुछ मामलों के आधार पर पूरी सुविधा बंद करना ठीक नहीं इंजेक्शन की ही अनुमति दी गई है, जिन्हें मरीज खुद लगा सकते हैं। प्रशासन का तर्क है कि इंजेक्शनों की बिक्री में अनियमितता सामने आने के बाद यह निर्णय किया गया है। कार्ड का दुरुपयोग कर 5 लाख रुपए तक का फंड भी उठा लिया गया। वहीं मरीजों का कहना है कि कुछ मामलों के आधार पर संपूर्ण सुविधा बंद करना ठीक नहीं है।अब अस्पताल जरूरी अति महत्वपूर्ण चिकित्सक की सलाह पर पहले घर पर ही नर्सिंग स्टाफ से लगवा लेते थे, अब मजबूरन इसके लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ेगा, आरजीएचएस को भी इससे फटका लगेगा, क्योंकि भर्ती होने के शुल्क अलग से आरजीएचएस ही चुकाएगा। जिन मरीजों को चिकित्सक ने आराम की सलाह दी है, अब उन्हें भी अस्पताल ही जाना होगा। गर्भवती महिलाओं को भी अब सभी इंजेक्शन के लिए अस्पताल ही जाना होगा।
ओपीडी में पांच लाख का फंड

अभी जयपुर में ही 2-3 कार्ड से करीब 5 लाख का ओपीडी फंड करवाया था। हमने ऐसे कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं। गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को इंजेक्शन खुद लगाने भी नहीं चाहिए,यह निर्णय मरीज की सुरक्षा को देखकर भी लिया गया है।
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शिप्रा विक्रम, परियोजना अधिकारी, आरजीएचएस