


नई दिल्ली। देश में बढ़ते ऊंचे और बहुमंजिली भवनों के हिसाब से उनमें लिफ्टों की संख्या भी भारी वृद्धि हुई है। इन भवनों में आवासीय, वाणिज्यिक और आफिसियल इमारतें शामिल हैं। लिफ्ट की क्वालिटी और तकनीकी मानकों को नजरअंदाज करने से इसे लेकर होने वाली दुर्घटनाओं में कई गुना की वृद्धि हुई है। इन दुर्घटनाओं जिनमें लोगों की जान भी जा रही है, को लेकर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय ने लिफ्ट अधिनियम को लागू करने का दिया निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों को तत्काल लिफ्ट अधिनियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश भेजा है। हैरानी इस बात की है कि देश में मात्र 11 राज्यों में ही लिफ्ट अधिनियम का पालन किया जा रहा है, जिसके तहत इमारतों में लगाई जाने लिफ्टों के लिए निर्धारित भारतीय मानकों का पालन करना वैधानिक है। बाकी राज्यों में लिफ्ट को लेकर बनाए गए कानून को धता बताई जा रही है। ऐसे सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने तत्काल कार्रवाई कर अधिनियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने लिफ्ट की गुणवत्ता को लेकर कई मानक तैयार किए हैं, जिसे लिफ्ट कानून के तहत लागू करने की अनिवार्यता है। इसमें लिफ्ट में सुरक्षित करने समेत अन्य मानकों का पालन करना शामिल है। हैरानी यह है कि निर्धारित मानक और कानून होने के बावजूद केवल 11 प्रमुख राज्यों में इसका पालन किया जा रहा है। लिफ्ट जैसे उपकरणों के उपयोग को लेकर राज्यों की उदासीनता पर सरकार ने चिंता जताई है। हाल के वर्षों में साल दर साल लिफ्ट से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसमें लोगों की जानें भी जा रही हैं।
11 राज्यों ने लिफ्ट अधिनियम किया लागू
बीआइएस ने अखबारों व मीडिया में आई खबरों के आधार पर आंकड़े तैयार किए हैं, जिसके मुताबिक पिछले दो वर्षों में लगभग चार दर्जन लिफ्ट संबंधी दुर्घटनाओं में तकरीबन एक सौ लोगों की जान चली गई। जबकि सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हुए। उपभोक्ता सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि लिफ्ट दुर्घटनाओं से संबंधित यह संख्या फौरी तौर पर भले ही कम दिख रही हो, वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक हो सकती है। इस तरह से लोगों की जान जाने अथवा घायल होने को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसे लेकर सरकार गंभीर है।
उपभोक्ता मंत्रालय ने लिफ्ट अधिनियम को लागू करने का दिया निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों को तत्काल लिफ्ट अधिनियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश भेजा है। हैरानी इस बात की है कि देश में मात्र 11 राज्यों में ही लिफ्ट अधिनियम का पालन किया जा रहा है, जिसके तहत इमारतों में लगाई जाने लिफ्टों के लिए निर्धारित भारतीय मानकों का पालन करना वैधानिक है। बाकी राज्यों में लिफ्ट को लेकर बनाए गए कानून को धता बताई जा रही है। ऐसे सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने तत्काल कार्रवाई कर अधिनियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने लिफ्ट की गुणवत्ता को लेकर कई मानक तैयार किए हैं, जिसे लिफ्ट कानून के तहत लागू करने की अनिवार्यता है। इसमें लिफ्ट में सुरक्षित करने समेत अन्य मानकों का पालन करना शामिल है। हैरानी यह है कि निर्धारित मानक और कानून होने के बावजूद केवल 11 प्रमुख राज्यों में इसका पालन किया जा रहा है। लिफ्ट जैसे उपकरणों के उपयोग को लेकर राज्यों की उदासीनता पर सरकार ने चिंता जताई है। हाल के वर्षों में साल दर साल लिफ्ट से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसमें लोगों की जानें भी जा रही हैं।
11 राज्यों ने लिफ्ट अधिनियम किया लागू
बीआइएस ने अखबारों व मीडिया में आई खबरों के आधार पर आंकड़े तैयार किए हैं, जिसके मुताबिक पिछले दो वर्षों में लगभग चार दर्जन लिफ्ट संबंधी दुर्घटनाओं में तकरीबन एक सौ लोगों की जान चली गई। जबकि सैकड़ों लोग बुरी तरह घायल हुए। उपभोक्ता सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि लिफ्ट दुर्घटनाओं से संबंधित यह संख्या फौरी तौर पर भले ही कम दिख रही हो, वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक हो सकती है। इस तरह से लोगों की जान जाने अथवा घायल होने को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसे लेकर सरकार गंभीर है।