


बीकानेर। अगर देखा जाये तो शहर में पर्ची सट्टा भरने वालों की तादाद भयंकर हैँ हर गली में दो चार दलाल मिल जायेगें जहां हजारों रुपये के पर्ची सट्टा का खेल खेला जाता है। मजेे की बात है इस धंधे में महिलाएं भी पीछे नहीं है कई ऐसे इलाके है जहां महिलाएं घर में बैठकर पर्ची सट्टा भरती है वो इसलिए कि महिलाओं पर कोई जल्दी से शक नहीं करता है इसलिए महिलाओं को इस धंधे में उतारा गया है। प्रत्येक थाने में करीब 50 से 100 व्यक्ति पर्ची सट्टा भरते है कुछ नामी दुकानों पर इसका बड़ा लेन-देन होता है जिसमें सबसे ज्यादा पान व चाय की दुकानों पर बैठकर सट्टा पर्ची भरा जाता है। प्राय: देखने में आता है कुछ पान की दुकानों पर समय समय पर भीड़ रहती है वो भीड़ दुकानदार की नहीं होती है वो भीड़ पर्ची भरने वाले पेंटरों की होती है। लेकिन पुलिस की पकड़ में नहीं आते है क्योंकि सारा खेल अब मोबाइल के जरिये होता है तो व्यक्ति घर बैठकर यह काम कर सकता है। मजदूर वर्ग इसमें ज्यादा लिप्त है। जो शाम होते ही दो रुपये ज्यादा कमाने की चक्कर में रुपये भर जाते है क्योकि 1 से 10 नंबरों में एक नंबर ही आना बाकी नो तो जाने वाले ही है तो जो सट्टा पर्ची भरता है उसके पास नो जनों के पैसे हजम होते है और एक जने को देने है। इस तरह है यह बड़ा खेल शहर के प्रत्येक थाने में जमकर चल रहा है।
