


बीकानेर। जिले के लूणकरनसर तहसील में रहने वाले गैगेस्टर रोहिता गोदारा का नाम आज सुर्खियों में है आये दिन किसी ना किसी व्यापारी से फरौती मांगाने की बात सामने आती है। एसपी अरविंद बुडानिया ने बताया कि उमेश ने बीकानेर से शूटर्स को रुपए ट्रांसफर किए थे। ये रुपए कब और क्यों भेजे गए? इस बारे में पड़ताल की जा रही है। उमेश ने एक बार नहीं बल्कि चार से पांच बार रुपए ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा बीकानेर से ही शूटर जतिन को भी रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इस मामले में पहले ही दो युवकों की गिरफ्तारी हो चुकी है। उमेश के अलावा भी बीकानेर से दो-तीन युवकों ने अलग-अलग समय में 40 से 50 हजार रुपए भेजे थे।
बीकानेर से हथियारों का भी कनेक्शन अब तक हुई जांच में ये भी सामने आ रहा है कि हथियार भी बीकानेर से बदमाशों तक पहुंचाए गए थे। हालांकि बीकानेर की जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) इसकी जांच कर रही है। अब तक पुलिस ने बीकानेर से पांच लोगों को दबोचा है। पूछताछ में हथियार सप्लाई के संकेत मिले हैं। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि हथियार किसने सप्लाई किए और कब किए।
2010 में हुआ था पहला हत्या का मुकदमा
रोहित अपने साथ हमेशा 4 सिक्योरिटी गार्ड रखता है। इसके लिए दिल्ली की सिक्योरिटी एजेंसी को 1.60 लाख रुपए (एक गार्ड के 40 हजार) महीने के देता है। रोहित के खिलाफ साल 2010 में पहला हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।
उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ दहेज प्रताडऩा का मुकदमा दर्ज करा दिया था। उसकी पत्नी परेशान होकर उससे अलग रहने लगी। रोहित खुद वारदात करने नहीं जाता है, बल्कि गुर्गों को भेजकर कराता है।
बीकानेर से हथियारों का भी कनेक्शन अब तक हुई जांच में ये भी सामने आ रहा है कि हथियार भी बीकानेर से बदमाशों तक पहुंचाए गए थे। हालांकि बीकानेर की जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) इसकी जांच कर रही है। अब तक पुलिस ने बीकानेर से पांच लोगों को दबोचा है। पूछताछ में हथियार सप्लाई के संकेत मिले हैं। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि हथियार किसने सप्लाई किए और कब किए।
2010 में हुआ था पहला हत्या का मुकदमा
रोहित अपने साथ हमेशा 4 सिक्योरिटी गार्ड रखता है। इसके लिए दिल्ली की सिक्योरिटी एजेंसी को 1.60 लाख रुपए (एक गार्ड के 40 हजार) महीने के देता है। रोहित के खिलाफ साल 2010 में पहला हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।
उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ दहेज प्रताडऩा का मुकदमा दर्ज करा दिया था। उसकी पत्नी परेशान होकर उससे अलग रहने लगी। रोहित खुद वारदात करने नहीं जाता है, बल्कि गुर्गों को भेजकर कराता है।