


बीकानेर। इंदिरा गांधी नहर से पानी चोरी करने के लिए कुछ किसान हर रोज नई तरकीब ढूंढकर लाते हैं। इस बार नहर के माइनर में पत्थर बन चुकी सीमेंट के कट्टों के साथ ही मिट्टी और कंकड़ डाल दिए
गए, जिससे पानी रुककर खेतों में पहुंच रहा था, वहीं टेल के किसानों को पूरा पानी नसीब नहीं हुआ। कम पानी मिलने की छानबीन करने पर ये करतूत पता चली।
केजेड़ी नहर 106-107 आरडी के बीच दो माइनरों से आगे किसानों को बारी के बावजूद पानी कम मिल रहा था। ऐसे में किसानों ने आगे पहुंचकर छानबीन की। पता चला कि एक जगह से पानी रोका जा रहा
है। माइनर में उतरकर किसानों ने देखा तो पता चला कि अंदर सीमेंट के कट्टे डाले हुए हैं। पुरानी सीमेंट पानी पडऩे से पत्थर हो चुकी थी। इसके साथ ही मिट्टी के कट्टे भी डाले गए। कंकर सहित काफीसामान डाला गया, जिससे पानी आगे जाने के बजाय कुछ किसानों के खेत की तरफ मुड़ गया। अनूपगढ़ शाखा के अंतिम छोर के किसानों को हर बार किसी न किसी परेशानी से जूझना पड़ता हैं। कभी टेल के किसानों को पूरा नहीं मिल पाता तो कई बार पानी चोरी होता है। इस बार
टेल पर पानी अचानक कम हो गया और आरडी 106-107 से पहले के मोघों में पानी की मात्रा बढ़ गई। इसकी सूचना जैसे ही अंतिम छोर के किसानों को मिली। मौके पर पहुंचे किसानों ने एचडब्ल्यूएम व
जीडब्ल्यूएम माइनरों में सीमेंट, मिट्टी व कंकड के कट्टों को निकाला। पानी चोरी करने वालों किसानों पर कार्रवाई नहीं करने पर किसानों ने रोष जताया। फिर इसकी सूचना ग्रामीणों व जल संगम के अध्यक्षों ने
सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी। सिंचाई विभाग खाजूवाला के एक्सईएन ओमप्रकाश के निर्देश पर संबंधित एईएन व जेईएन मौके पर पहुंचे और मौका देखा।
यहां कम पहुंच रहा पानी
केजेडी नहर के चक 26 केजेड़ी, 28 ए व बी केजेड़ी, 29 केजेड़ी, 30 केजेड़ी, 31 केजेडी, 33 केजेडी के किसानों ने नहर से अंतिम छोर की टेल तक कम पानी मिल रहा है। जल उपभोक्ता संगम समिति के
अध्यक्ष के साथ नहर का निरीक्षण किया। जल उपभोक्ता संगम अध्यक्ष संतोष भुंवाल, बद्रीप्रसाद, बलराम, राजूराम, रामकुमार, गोपालराम, लक्ष्मणदास, इंद्राज, सोहनलाल,हंसराज, उग्रसेन, गुरमीत सिंह,
जीतसिंह, महेंद्र, सहीराम, शिवदत सहित बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
