


जयपुर पर्यटन सीजन शुरू हो गया है मगर राज्य सरकार की लापरवाही का खामियाजा देश-विदेश के पर्यटक भुगत रहे हैं। यही नहीं, हर साल अरबों रुपयों का नुकसान भी राज्य सरकार को हो रहा है। शादियां के सीजन में देसी व विदेशी पावणे राजस्थान में आने लगे हैं। सरकार के अफसरों की गलत नीतियों से राज्य के 42 सरकारी होटलों पर ताले जड़े हैं। निजी होटल महंगी और एडवांस बुक होने के चलते लोगों को झुंझुनूं में मंडावा मोड़ पर आरटीडीसी की होटल वर्ष 2018 से बंद है। इसमें शानदार छह कमरे हैं। लोकेशन सर्किट हाउस व शहर के अन्य होटलों से कई गुना अच्छी है, लेकिन सही देखरेख न होने के कारण घाटे दिखाकर इसे बंद कर दिया गया। अब इसमें शराब की दुकान संचालित की जा रही है। इसी तरह राज्यभर में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की कुल 78 इकाइयां हैं। इनमें होटल, मोटल्स, कैफेटरिया, यात्रिका, जनता आवास गृह, पैलेस ऑन व्हील्स, हैरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स, यातायात इकाई व अन्य शामिल हैं। अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते 78 में से 42 इकाइयां बंद पड़ी हैं।
पर्यटकों की मजबूरी
पर्यटन विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में राजस्थान में करीब चार लाख 46 हजार विदेशी पर्यटक आए। पर्यटन निगम की होटलों में बेहतर सुविधाएं न होने के चलते सैलानियों ने निजी होटलों को वरीयता दी।
होटलों को लेकर सरकार को प्रोत्साहन योजना लागू करनी चाहिए, जिससे होटलों के प्रति लोगों का रुझान बढ़े। सरकारी होटलों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। अगर सरकार नहीं चला पा रही है तो इनको निजी हाथों में देना चाहिए, ताकि सरकार को आय हो सके।
