


मुंबई के एक कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने सदर थाने में आकर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जांच अधिकारी एएसआई रामपाल ने बताया कि अजय कुमार पुत्र मुरारी अरोड़ा निवासी वार्ड १५ डबलीराठान ने थाने में आकर रिपोर्ट दी कि मेरे बेटे अंश ने साल २०२२ में नीट यूजी-२०२२ परीक्षा पास की। उसके बाद मुंबई से संदीप कुमार गुप्ता पुत्र दीनानाथ ने मेरे मोबाइल पर सितम्बर महीने में फोन किया। आरोपी ने कहा कि मैं नीट यूजी कंसल्टेंसी का काम करता हूं। उसने कहा कि आपके बेटे का चयन हुआ है। मैं मुंबई के टेरना मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवा दूंगा। इसके बाद आरोपी ने उसने दस्तावेजों की मांग की। जिसके बाद मैंने दस्तावेज वाट्सएप कर दिए। जिसके बाद आरोपी ने कॉलेज में दस्तावेज सत्यापन के लिए टीटी डिपोजिट करवाने के लिए बुलाया। अंश और उसके मामा अमित मिड्डा निवासी श्रीगंगानगर मुंबई चले गए। संदीप कुमार गुप्ता ने उन्हें सारा कॉलेज घुमाया और दस्तावेज की फोटो प्रतियां और ३ लाख ५१ हजार ५ सौ और ९० हजार के एसबीआई द्वारा जारी २ डिमांड ड्राफ्ट डीन टेरना मेडिकल कॉलेज और टेरना मेडिकल ट्रस्ट के नाम से जमा करा दिए।
उसके बाद भी राशि जमा करवाने के नाम पर १४ अक्टूबर को १२ हजार, १५ अक्टूबर को १३ हजार, २८ अक्टूबर को एक लाख, ३ नवम्बर को १ लाख ५० हजार, ४ नवम्बर को ५ लाख, १२ नवम्बर को १० लाख रुपये ठग लिए। उसके बाद जब पीड़ित ने फोन कर टेरना मेडिकल कॉलेज से सम्पर्क किया तो सम्बन्धित व्यक्ति को रसीदें वाट्सअप पर भेजी। जिस पर उन्होने पीड़ित को बताया कि ये दस्तावेज उनके कॉलेज द्वारा जारी नहीं किए गए और न ही इस तरह की ऑफलाइन प्राप्त रसीदें जारी की जाती हैं। वहीं सदर थाना पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जांच अधिकारी एएसआई रामपाल ने बताया कि अजय कुमार पुत्र मुरारी अरोड़ा निवासी वार्ड १५ डबलीराठान ने थाने में आकर रिपोर्ट दी कि मेरे बेटे अंश ने साल २०२२ में नीट यूजी-२०२२ परीक्षा पास की। उसके बाद मुंबई से संदीप कुमार गुप्ता पुत्र दीनानाथ ने मेरे मोबाइल पर सितम्बर महीने में फोन किया। आरोपी ने कहा कि मैं नीट यूजी कंसल्टेंसी का काम करता हूं। उसने कहा कि आपके बेटे का चयन हुआ है। मैं मुंबई के टेरना मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवा दूंगा। इसके बाद आरोपी ने उसने दस्तावेजों की मांग की। जिसके बाद मैंने दस्तावेज वाट्सएप कर दिए। जिसके बाद आरोपी ने कॉलेज में दस्तावेज सत्यापन के लिए टीटी डिपोजिट करवाने के लिए बुलाया। अंश और उसके मामा अमित मिड्डा निवासी श्रीगंगानगर मुंबई चले गए। संदीप कुमार गुप्ता ने उन्हें सारा कॉलेज घुमाया और दस्तावेज की फोटो प्रतियां और ३ लाख ५१ हजार ५ सौ और ९० हजार के एसबीआई द्वारा जारी २ डिमांड ड्राफ्ट डीन टेरना मेडिकल कॉलेज और टेरना मेडिकल ट्रस्ट के नाम से जमा करा दिए।
उसके बाद भी राशि जमा करवाने के नाम पर १४ अक्टूबर को १२ हजार, १५ अक्टूबर को १३ हजार, २८ अक्टूबर को एक लाख, ३ नवम्बर को १ लाख ५० हजार, ४ नवम्बर को ५ लाख, १२ नवम्बर को १० लाख रुपये ठग लिए। उसके बाद जब पीड़ित ने फोन कर टेरना मेडिकल कॉलेज से सम्पर्क किया तो सम्बन्धित व्यक्ति को रसीदें वाट्सअप पर भेजी। जिस पर उन्होने पीड़ित को बताया कि ये दस्तावेज उनके कॉलेज द्वारा जारी नहीं किए गए और न ही इस तरह की ऑफलाइन प्राप्त रसीदें जारी की जाती हैं। वहीं सदर थाना पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।