

हनुमानगढ़। दो भाइयों की उठाकर ले जाने और नहर में फेंकने की धमकियों से परेशान एक नाबालिग लडक़े ने घर में रखा कीटनाशक पी लिया। इलाज के दौरान किशोर की श्रीगंगानगर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। मामला सदर पुलिस थाना क्षेत्र के गांव सहजीपुरा का है। इस संबंध में सदर पुलिस ने दो भाइयों के खिलाफ नामजद और अन्य के खिलाफ सुसाइड के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। डबलीराठान पुलिस चौकी के कार्यवाहक प्रभारी एएसआई लालचन्द ने बताया कि जगदीश कुमार (46) पुत्र मंगतूराम कुम्हार निवासी वार्ड नौ, 36 एसएसडब्ल्यू ग्राम पंचायत सहजीपुरा ने मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया कि उसकी नाबालिग लडक़ी को गांव सहजीपुरा निवासी सुशील पुत्र धर्मपाल जाट पिछले छह महीने से परेशान कर रहा था। सुशील उसकी लडक़ी को 5 सितंबर को बहला-फुसलाकर ले गया था। इसके बाद लडक़ी को सखी सेंटर की सहमति के बाद घर लाया गया। इसके बाद भी उसके घर के पास सुशील और उसका भाई नेतराम पुत्र धर्मपाल जाट लगातार चक्कर काटते हैं। इसको लेकर उसने सुशील के घर पर उलाहना भी दिया। दीपावली के मौके पर 23 अक्टूबर को उसकी लडक़ी को मोबाइल फोन देने के लिए सुशील उसके घर के पास आया। इसका पता उसके नाबालिग पुत्र सुरेन्द्र और कृष्ण को चल गया। तब सुशील ने सुरेन्द्र और कृष्ण को इस घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने और उसकी नाबालिग पुत्री को उठा ले जाने की धमकी दी। उसके बाद 26 अक्टूबर को सुशील, नेतराम और अन्य लोग गांव 36 एस एसडब्ल्यू पहुंचे तथा वहां पर उसके नाबालिग पुत्र सुरेन्द्र को फिर धमकाया-डराया। उठाकर ले जाने और नहर में फेंक देने की धमकी दी। इसके चलते सुरेन्द्र शाम को घर पर उदास और गुमसुम हालत में चारपाई पर लेटा था। परिजन खेत से घर आए तो सुरेन्द्र से गुमसुम रहने का कारण पूछा। तब सुरेन्द्र ने सुशील, नेतराम व अन्य की ओर से प्रताडि़त करने की बात कही और उस दबाव के कारण कीटनाशक दवा पी लेना बताया।
इस पर किसी वाहन से सुरेन्द्र को अस्पताल पहुंचाया। हनुमानगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज की सही व्यवस्था न होने की वजह से दूसरी ले जाने की बात कही। तब उसने 27 अक्टूबर को सुरेन्द्र को श्रीगंगानगर स्थित टांटिया हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। वहां इलाज के दौरान 29 अक्टूबर को रात करीब 12 बजे सुरेन्द्र की मौत हो गई। जगदीश कुमार के अनुसार उसके लडक़े सुरेन्द्र ने सुशील, नेतराम व अन्य की ओर से दी धमकी से मानसिक प्रताडि़त व तनावग्रस्त होकर दबाव में आने के कारण कीटनाशक दवा पीकर सुसाइड कर ली। पुलिस ने श्रीगंगानगर के सरकारी अस्पताल में रखे शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले की जांच डबलीराठान पुलिस चौकी के कार्यवाहक प्रभारी एएसआई लालचन्द कर रहे हैं।
इस पर किसी वाहन से सुरेन्द्र को अस्पताल पहुंचाया। हनुमानगढ़ के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज की सही व्यवस्था न होने की वजह से दूसरी ले जाने की बात कही। तब उसने 27 अक्टूबर को सुरेन्द्र को श्रीगंगानगर स्थित टांटिया हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। वहां इलाज के दौरान 29 अक्टूबर को रात करीब 12 बजे सुरेन्द्र की मौत हो गई। जगदीश कुमार के अनुसार उसके लडक़े सुरेन्द्र ने सुशील, नेतराम व अन्य की ओर से दी धमकी से मानसिक प्रताडि़त व तनावग्रस्त होकर दबाव में आने के कारण कीटनाशक दवा पीकर सुसाइड कर ली। पुलिस ने श्रीगंगानगर के सरकारी अस्पताल में रखे शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले की जांच डबलीराठान पुलिस चौकी के कार्यवाहक प्रभारी एएसआई लालचन्द कर रहे हैं।