


जयपुर/उदयपुरवाटी। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सियासी वॉक इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। वह लगातार देव दर्शन अभियान के तहत प्रदेश के फेमस मंदिरों में पहुंच रहीं हैं। इसके अलावा आज सुबह राजे अचानक ही जयपुर के सेंट्रल पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंच गई। यहां उन्होंने वॉक के फायदों पर लोगों से बात भी की। पूर्व सीएम लगातार एक्टिव नजर आ रहीं हैं। उनकी बढ़ती सक्रियता ने विरोधियों की बेचैनी बढ़ा दी है।
इससे पहले राजे ने देव दर्शन अभियान के तहत शनिवार को शाकंभरी माता के मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। शाकंभरी माता के दरबार में 51 पंडितों ने वसुंधरा राजे की सियासी मन्नत पूरी करने के लिए पूजा अर्चना करवाई।
पूजा अर्चना के बाद पंडितों ने मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद फूल बरसाकर दिया। मन्नत पूरी होने के आशीर्वाद के दौरान पंडितों ने वसुंधरा राजे पर फूल बरसाए।
वसुंधरा राजे ने दीपावली से पहले नौ दुर्गा मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना करने का संकल्प लिया था। इसकी अंतिम कड़ी में शनिवार को राजे ने सीकर-झुंझुनूं जिले के बॉर्डर पर शाकंभरी माता के मंदिर में दर्शन कर पूजा की। मंदिर में वसुंधरा राजे पर 51 पंडितों ने फूल बरसाकर और चुनरी ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। वसुंधरा राजे के देव दर्शन अभियान का पहला फेज पूरा हो गया है।
वसुंधरा राजे रविवार सुबह जयपुर के पार्क में पहुंची। यहां उन्होंने मॉर्निंग वॉक के फायदे को लेकर बात भी की। राजे की इन दिनों हो रही वॉक के सियासी मायने की भी निकाले जा रहे हैं।
वसुंधरा राजे रविवार सुबह जयपुर के पार्क में पहुंची। यहां उन्होंने मॉर्निंग वॉक के फायदे को लेकर बात भी की। राजे की इन दिनों हो रही वॉक के सियासी मायने की भी निकाले जा रहे हैं।
राजस्थान चुनाव में करीब एक साल का समय बाकी है। राजे की बढ़ती सक्रियता को चुनावों से जोडक़र देखा जा रहा है। बीते सप्ताह भी पूर्व मुख्यमंत्री बीकानेर पहुंची थीं। यहां उन्होंने नोखा, देशनोक और बीकानेर शहर में समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा था कि मेरा कोई भी काम सीधे-सीधे नहीं होता, संघर्ष करना पड़ता है। अब मुहर लग गई है। अब कोई रोक नहीं सकता।
विधानसभा चुनाव में भूमिका के सवाल पर बोलीं- मैं पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं ना
अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी में उनकी भूमिका के सवाल पर राजे ने टालते हुए कहा कि मैं पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं ना। राजे ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत सरकार में किसान, व्यापारी, बेरोजगार, मजदूर और महिलाएं सब वर्ग दुखी है।
राजस्थान में हाल ही में दो बड़ी समस्याएं थी। अतिवृष्टि से खराबा और लंपी बीमारी। प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण नहीं है।
इससे पहले राजे ने देव दर्शन अभियान के तहत शनिवार को शाकंभरी माता के मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। शाकंभरी माता के दरबार में 51 पंडितों ने वसुंधरा राजे की सियासी मन्नत पूरी करने के लिए पूजा अर्चना करवाई।
पूजा अर्चना के बाद पंडितों ने मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद फूल बरसाकर दिया। मन्नत पूरी होने के आशीर्वाद के दौरान पंडितों ने वसुंधरा राजे पर फूल बरसाए।
वसुंधरा राजे ने दीपावली से पहले नौ दुर्गा मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना करने का संकल्प लिया था। इसकी अंतिम कड़ी में शनिवार को राजे ने सीकर-झुंझुनूं जिले के बॉर्डर पर शाकंभरी माता के मंदिर में दर्शन कर पूजा की। मंदिर में वसुंधरा राजे पर 51 पंडितों ने फूल बरसाकर और चुनरी ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। वसुंधरा राजे के देव दर्शन अभियान का पहला फेज पूरा हो गया है।
वसुंधरा राजे रविवार सुबह जयपुर के पार्क में पहुंची। यहां उन्होंने मॉर्निंग वॉक के फायदे को लेकर बात भी की। राजे की इन दिनों हो रही वॉक के सियासी मायने की भी निकाले जा रहे हैं।
वसुंधरा राजे रविवार सुबह जयपुर के पार्क में पहुंची। यहां उन्होंने मॉर्निंग वॉक के फायदे को लेकर बात भी की। राजे की इन दिनों हो रही वॉक के सियासी मायने की भी निकाले जा रहे हैं।
राजस्थान चुनाव में करीब एक साल का समय बाकी है। राजे की बढ़ती सक्रियता को चुनावों से जोडक़र देखा जा रहा है। बीते सप्ताह भी पूर्व मुख्यमंत्री बीकानेर पहुंची थीं। यहां उन्होंने नोखा, देशनोक और बीकानेर शहर में समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा था कि मेरा कोई भी काम सीधे-सीधे नहीं होता, संघर्ष करना पड़ता है। अब मुहर लग गई है। अब कोई रोक नहीं सकता।
विधानसभा चुनाव में भूमिका के सवाल पर बोलीं- मैं पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं ना
अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी में उनकी भूमिका के सवाल पर राजे ने टालते हुए कहा कि मैं पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं ना। राजे ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत सरकार में किसान, व्यापारी, बेरोजगार, मजदूर और महिलाएं सब वर्ग दुखी है।
राजस्थान में हाल ही में दो बड़ी समस्याएं थी। अतिवृष्टि से खराबा और लंपी बीमारी। प्रदेश के मुख्यमंत्री गहलोत के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण नहीं है।