


जयपुर। देश के 22 राज्यों में राजस्थान पांचवें नम्बर पर है, जहां औद्योगिक श्रेणी की बिजली दर बहुत ज्यादा है। पड़ौसी राज्यों की तुलना में तो प्रदेश संचालित औद्योगिक इकाइयों को ढाई रुपए यूनिट ज्यादा दर चुकानी पड़ रही है। हमारे यहां औद्योगिक उपयोग के लिए बिजली दर 8.45 रुपए प्रति यूनिट तक हैं, जबकि गुजरात में अधिकतम दर ही 5.88 रुपए यूनिट है। यही कारण है कि कई उद्योगपति यहां आने की बजाय गुजरात, हरियाणा की तरफ रुख कर रहे हैं। जबकि, प्रदेश में लगातार औद्योगिक श्रेणी की बिजली दर कम करने की जरूरत जताई जाती रही है। डिस्कॉम्स का फोकस सीधे दर कम करने की बजाय दूसरे तरीके से छूट देने पर ज्यादा है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा सहुलियत नहीं मिल पा रही।
सस्ती बिजली पर टिका ज्यादा निवेश
बिजली सस्ती होगी तो औद्योगिक निवेश भी तेजी से आएगा, क्योंकि उत्पादन लागत कम आएगी। औद्योगिक संगठन लगातार सरकार से इसी तर्क पर बात करते आए हैं। हालांकि, डिस्कॉम्स बिजली दर कम करने की बजाय सरकार को सब्सिडी देने के लिए कहते आए हैं। ऐसे में न तो बिजली दर कम हो रही और न ही सरकार आवश्यक सब्सिडी दे रही।
पड़ौसी राज्यों में बिजली दर
राज्य——–बिजली दर
राजस्थान- 7.71 से 8.45 रुपए प्रति यूनिट
गुजरात – 5.72 से 5.88 रुपए प्रति यूनिट
हरियाणा- 7.08 से 7.93 रुपए प्रति यूनिट
पंजाब- 6.72 से 7.53 रुपए प्रति यूनिट
(विद्युत शुल्क, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, फिक्स चार्ज शामिल हैं। छूट अतिरिक्त है)
बिजली दर में टॉप चार राज्य
उत्तरप्रदेश- 8.67 से 9.97 रुपए प्रति यूनिट
दिल्ली- 8.87 से 9.95 रुपए प्रति यूनिट
बिहार- 8.44 से 8.61 रुपए प्रति यूनिट
कर्नाटक- 8.17 से 8.90 रुपए प्रति यूनिट
(इसमें लघु, मध्य व वृहद औद्योगिक इकाइयों की विद्युत दर शामिल है
