


बीकानेर। गांधी जयंती के अवसर पर मोहता सराय स्थित विवेक बाल मंदिर में गांधी जयंती मनाई गई। इस अवसर पर बच्चों ने नाटक व भाषणा देकर महात्मा गांधी के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह गांधी ने देशवासियों को सत्य और अहिंसा का पाठ पढाया। इस मौके पर शाला की संचालिका नंदा भादाणी ने मंच का संचालन करते हुए बताया कि
देश दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता है। गांधी जी का जन्म तो गुजरात के पोरबंदर में हुआ था लेकिन इनकी ख्याति विश्वभर में है। बापू न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि समाज सुधारक भी थे। उन्होंने हमेशा जमीन से जुड़े मुद्दों पर बात की। दलित हो या स्त्री, शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर प्रकृति चिंतन! गांधी जी ने समाज के हर पहलू पर विचार कर बदलाव लाने का प्रयास किया। अंजू शर्मा ने कहा कि हमें भी गांधी जी के तरह हमेशा सत्य व अहिंसा की ओर जाना चाहिए। डिम्पन जैन ने कहा कि आज हमें जो आजादी मिली है वो महात्मा गांधी के आंदोलनों से मिली है उनके दिये उपदेशों को हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। प्रिया ओझा ने कहा कि बच्चों द्वारा गांधी के उपदेशों को नाटक के जरिये प्रस्तुत कर बच्चों में में एक नई ऊर्जा दी है। पिंकी देरासरी ने कहा कि महात्मा गांधी ने कई ऐसे आंदोजन किये जिससे अंग्रेज घबरा गये और आखिर में उनको देश छोडक़र जाना पड़ा। अंजू शर्मा ने कहा कि गांधी ने अपना पूरा जीवन धोती चोले पहनकर हमें आजादी दिला दी। खूशबू पुरोहित ने कहा कि महात्मा गांधी सत्य अहिंसा के साथ एक समाज सुधारक थे उन्होंने हमेशा समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास किया था। इस मौके पर शाला स्टाफ जुगल किशोर भादाणी, डिम्पल जैन, प्रिया ओझा, पिंकी देरासरी, अंजू शर्मा, खूशबू पुरोहित ने अपने संबोधन दिये।
