


बीकानेर – ठुकरियासर के गांव के किसान परिवार में जन्मे एक युवा ने अपने बड़े भाई को किडनी देकर ना केवल भाई को जीवनदान दिया है, बल्कि भाई-भाई के प्रेम की मिसाल भी पेश की है। गांव का रामलाल सारण (43) पिछले एक साल से गुर्दे की समस्या से ग्रसित था। उसने कई जगह इलाज करवाया गया लेकिन तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ।
दो माह से जयपुर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। इस दौरान चिकित्सकों ने उसकी दोनों किडनी खराब बता दी और किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपाय बताया। इससे परिवार चिंताग्रस्त हो गया। ऐसे में रामलाल का छोटा भाई मुनीराम सारण (40) ने अपने बड़े भाई को अपनी किडनी देने का फैसला लिया और अपनी किडनी मैच करवाई तो वह मैच हो गई। गत 30 अगस्त को जयपुर के हॉस्पिटल में किडनी का सफल प्रत्यारोपण किया गया। रामलाल व मुनीराम को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई और दोनों स्वस्थ है। भाई भाई के आपसी प्रेम की चर्चा परवान पर है। आज के इस भौतिक युग में अर्थ के महत्व के कारण विभाजित हो रहे परिवारों के दौर में इसे लोग एक सुखद उदाहरण मान रहे हैं
