


नईदिल्ली। पंजाब के कच्चे मुलाजिमों को सरकार जल्द अच्छी खबर देने वाली है। 36000 कच्चे और एडहॉक कर्मचारियों में 10 साल नौकरी कर चुके कर्मियों को पक्का किए जाने का मसौदा तैयार कर लिया गया है। कानूनी पचड़ों से बचने और राज्यपाल की अनुमति मिलने में आसानी को देखते हुए सरकार नीतिगत रास्ता अपनाएगी। कर्मचारियों के नियमित करने से संबंधित दो विधेयकों को 2016 और 2021 में तैयार और पारित किया गया था। हालांकि, इन दोनों विधेयकों में से एक 2016 में पारित हुआ और दूसरा 2016 के विधेयक को बदलने के लिए 2021 में पारित हुआ, लेकिन राज्यपाल द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था। 11 नवंबर 2021 को पास हुए पंजाब प्रोटेशन एंड रेगुलराइजेशन ऑफ का ट्रैक्चुअल इंप्लाई बिल 2021 को राज्यपाल ने वापस राज्य सरकार को नहीं भेजा है। विधेयक पारित होने और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के पास अनुमोदन के लिए भेजे जाने के बाद, उन्होंने अपनी सहमति देने से पहले सवाल उठाए थे। उमा देवी बनाम कर्नाटक राज्य मामले के मद्देनजर उन्होंने राज्य सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि विधेयक कानूनी जांच का सामना कैसे करेगा। उन्होंने यह भी सवाल किया था कि कितने संविदा कर्मचारी, जिन्होंने अभी तक 10 साल की सेवा पूरी नहीं की है, इस कार्यकाल के पूरा होने के बाद नियमित किए जाएंगे। ऐसे हालात न बने इसलिए सरकार ने नीतिगत रास्ता अपनाने का फैसला किया है। इससे सरकार को नया कानून बनाने और राज्यपाल से मंजूरी लेने के कठिन रास्ते को दरकिनार करने में मदद मिलेगी।
