


बीकानेर। कहने को तो बीकानेर की महापौर शहर की प्रथम नागरिक है। लेकिन पढ़ी लिखी महापौर परिवारवालों की कठपुतली बनकर कामकाज कर रही है। जो न तो राजनीति और न ही शहर के लिये अच्छा संदेश है। ये आरोप आज सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस की पार्षद व महापौर प्रत्याशी रही अंजना खत्री ने महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित पर लगाएं। उन्होंने कहा कि महापौर पढ़ी-लिखी और समझदार है,महिला होने के नाते उनमें कोई कमी नहीं है, लेकिन परिवार वाले उन्हें अपने तरीकों से काम नहीं करने दे रहे। ऐसे में उनकी व महापौर पद की गरिमा धूमिल हो रही है। पिछले तीन सालों से ऐसा ही हो रहा है। जिसके कारण वे हमेशा विवादों में रही है और शहर का विकास ठप सा हो गया है। महापौर को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। खत्री ने कहा कि महापौर ने मंत्री डॉ बी डी कल्ला के लिए जितने अपशब्द बोले है उसके लिए वे निंदा करती है। खत्री ने कहा कि 12 अगस्त आयोजित निगम की आमसभा से बचने के लिए महापौर ने धरना लगाया है ताकि वे कांग्रेस पार्षदों के सवालों से बच सके। वे जानबुझकर आदेश निकालकर कामकाज को प्रभावित करने में लगी है। क्या उन्हें मालूम नहीं था मानसून सत्र के चलते केन्द्रीय मंत्री संसद में रहेंगे। फिर आनन फानन में बिना किसी से सलाह लिये अपने स्तर पर साधारण सभा की घोषणा कर और फिर बहानेबाजी कर तिथियों में अडचनें पैदा करना। खत्री ने कहा कि महापौर ने नगर निगम में भ्रष्टाचार फैला रखा है। सफाई का टेंडर बाहरी कंपनी को दे दिया ताकि बीकानेर की जनता को भ्रष्टाचार का पता नहीं चल सके। अगर टेंडर स्थानीय ठेकेदार को दिया जाता तो उसे रोजगार मिलता, यहां के लोगों को रोजगार मिलता। खत्री ने आयुक्त व महापौर लड़ाई पर बोलते हुए कहा कि महापौर ने आज तक बीकानेर शहर से जुड़ी समस्या पर सभा नहीं की, कहीं कोई कैंप नहीं लगाया। बरसात में सूरसागर डूब रहा था,गिन्नाणी के घर डूब रहे थे, महापौर ने एकबार भी फिल्ड में उतरकर इस समस्या पर सुध नहीं ली। केवल और केवल कमिश्रर पर आरोप लगाए। खत्री ने कहा कि महापौर की हां में हां मिलाए वो कमिश्नर अच्छा है, वरना उस पर आरोप लगाकर उसे गलत बता दिया जाता है।
संभागीय आयुक्त पर भी साधा निशाना
पत्रकार वार्ता में शामिल कांग्रेस पार्षद व खत्री ने संभागीय आयुक्त नीरज के पवन की कार्यशैली का विरोध जताया और कहा कि संभागीय आयुक्त महापौर के कहने पर कार्रवाई करते है। ऐसे उनकी भी मुख्यमंत्री को शिकायत की जाएगी।
