


बीकानेर। पुलिस विभाग की गाड़ी की टक्कर लगने से लाचार, बेसहारा व घायल हुए पवन कुमार पडि़हार की पत्नी व उसके बच्चों के भरण-पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। पुलिस की सताई पीडि़ता डिंपल के समर्थन में मंगलवार को उसके समाज के लोगों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के आगे जोरदार प्रदर्शन करते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद करते हुए बेसहारा परिवार को आर्थिक मदद की गुहार लगाने के साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ करने की मांग की है।
ये है मामला
19 जुलाई को पुलिस विभाग की गाड़ी जिसमें कांस्टेबल अजय सिंह एवं महीपाल ने शराब के नशे में, तेज गति व लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए मेजर पूर्णसिंह सर्किल पर पवन कुमार पडि़हार को गम्भीर रूप से घायल कर दिया था। दुर्घटना के बाद पुलिसकर्मिया ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने में लापरवाही की और वहां उपस्थित जनसमूह के विरोध के बाद बीकानेर के ट्रोमा सेंटर पहुंचाया जहां खून ज्यादा बहने और पैर की हड्डिया अधिक टूट जाने के कारण डाक्टरों ने उन्हें तुरंत जयपुर के लिए रेफर कर दिया। एसएमएस अस्पताल जयपुर के ट्रोमा सेन्टर में 20 जुलाई को डाक्टरों ने पवन दाहिने पैर के 2 अमरजेसी ऑपरेशेन किए तथा दुर्घटना के कारण पैर की चमड़ी ज्यादा खराब हो जाने के कारण एसएमएस अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने उनकी प्लास्टिक सर्जरी की लगभग 10 दिन इलाज के बाद 29 जुलाई जयपुर से डिस्चार्ज कर दिया ौर एक वर्ष तक बेड रेस्ट के निर्देश दिये गरीब मजदूरी पेशा परिवार है। मेरे पति डिलीवरी बॉय का काम करके बड़ी मुश्किल से हमारे परिवार का पालन-पोषण करते थे। लगभग एक वर्ष ( या उससे भी अधिक) समय तक के लिये मेरे पति पूर्ण रूप से बेबश हो गये हैं। कोई काम-धंधा इस अवधि तक वे नहीं कर पायेंगे। ऐसे में हमारे परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मजदूरी पेशा गरीब एवम् मजबूर परिवार को पुलिस विभाग के रिलीफ फण्ड से या दोषी पुलिसकर्मियों के वेतन में से कटौती करके मेरे परिवार को कम से कम बीस लाख रूपये की आर्थिक सहायता शीध्र करवाए जाने की मांग की है।
