

बीकानेर। भारत-ओमान के संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजाह के चौथे संस्करण का आगाज सोमवार को एशिया की सबसे बड़ी युद्धाभ्यास नेड में हुआ। भारतीय सेना और ओमान की शाही सेना की टुकडिय़ां इसमें भाग ले रही है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के विदेशी प्रशिक्षण नोड में दोनों देशों का यह संयुक्त युद्धाभ्यास 13 अगस्त तक चलेगा। ओमान दल की शाही सेना में 60 सैनिक और भारतीय सेनाोह 18 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन के 60 सैनिक अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज के साथ अभ्यास के लिए मैदान में उतरे हैं।
ओमान पैराशूट रेजीमेंट सुल्तान के जवान रविवार को ही महाजन पहुंच गए थे। जबकि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 18 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन के सैनिक पहले से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में मौजूद थे। इससे पहले अल नजाह का पिछला संस्करण मस्कट में 12 से 25 मार्च 2019 तक आयोजित किया गया था।
आतंकवादी खतरों का खात्मा करने पर केिन्द्रत
दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त अभ्यास में सैनिकों में पेशेवर बातचीत व आपसी समझ विकसित करने पर जोर है। संयुक्त कमान की स्थापना, ऑपरेशन नियंत्रण और आतंकवादी खतरों का खात्मा करने का अभ्यास किया जाएगा। संयुक्त अभ्यास काउंटर टेररिज्म पर केंद्रित होगा। अंतिम 48 घंटे लगातार सत्यापन के साथ व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। संयुक्त मोबाइल वाहन चेक पोस्ट, संयुक्त घेरा डालने का अभ्यास, तलाशी अभियान चलाने जैसे युद्ध कौशल के तरीके भी अपनाए जाएंगे।
अपने सैन्य उपकरण भी लाए साथ
ओमान की शाही सेना अपने साथ अपने देश के सैन्य उपकरण भी साथ लाए है। वे अपने देश के सैन्य विमान के साथ यहां पहुंचे है। यह अभ्यास 13 अगस्त को समाप्त होगा। इसके बाद सैनिक दिल्ली जाएंगे और भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह के साक्षी बनेंगे। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में कोरोना के दो साल को छोड़ दें तो हर साल दूसरे देश की सेना भारतीय सेना के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास करती है। इससे पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस के साथ भी अभ्यास कर चुके है।
