


बीकानेर। जाली नोटों के मास्टर माइंड सूरपुरा के चंपालाल के साथी दीपक जीनगर के लूणकरणसर स्थित घर से दो हजार और पांच सौ के 6 लाख 30 हजार रुपए के जाली नोट और एक पेपर कट्ट और बरामद किया है। आरबीआई की टीम भी पहुंच चुकी है। अब तीन लेवल पर इसकी जांच की जा रही है।
आईजी ऑफिस के जांच दल ने दीपक के लूणकरणसर स्थित घर की तलाशी ली तो उन्हें छह लाख 30 हजार रुपए के नकली नोट और मिले। एक पेपर कटर भी मिला है। इससे पता चला है कि दीपक अपने घर पर भी जाली नोटों की कटिंग करता था। इनमें से दो लाख 56 हजार रुपए के नोट पूरी तरह प्रिंट हो रखे हैं। बाकी रकम मिसप्रिंट है। जयपुर से आरबीआई के अधिकारी हर्षल अराध्य की टीम गुरुवार को बीकानेर पहुंची। उन्होंने नकली नोटों की छानबीन की और आरोपियों से पूछताछ शुरू की है।
जांच अधिकारी एससी-एसटी सेल के सीओ नरेंद्र पूनिया ने बताया कि एप्सन कंपनी के प्रिंटर से तैयार किए गए जाली नोटों में सिक्यूरिटी थ्रेड, वार्नर मार्क जैसी चीजें नहीं होती, इसलिए ये नोट मार्केट में आसानी से पकड़ में आ जाते हैं। रात के अंधेरे में भले ही कोई एक-दो नोट को किसी दुकानदार को चला दे। आरोपियों ने जाली नोट नशे का सामान खरीदने, क्रिकेट सट्टा, हवाला कारोबारियों को सप्लाई करने में ही ज्यादातर यूज किए हैं।
पांच साल में जितनी नकली करेंसी पकड़ी थी उतनी अभी तक एक बार में मिली, पुलिस का नेटवर्क हर बार फेल
बीकानेर में पांच साल में दो करोड़ 78 लाख 93 हजार 200 रुपए के जाली नोट बरामद हो चुके हैं। इन संबंध में सात मामले दर्ज हुए थे। कोटगेट थाने में 27 जून 22 को सौ रुपए के छह नकली नोट को लेकर मामला दर्ज हुआ था। तिजोरी से नकली मुद्रा मिलने को आरबीआई ने गंभीरता से लिया। आरबीआई अधिकारियों ने पुलिस को गहराई तक जांच करने के लिए कहा, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
नतीजतन 24 जुलाई को दो करोड़ 74 लाख रुपए के नकली नोटों पकड़े गए। मामले में रोज हो रहे खुलासे के बाद आईजी ने मामले की जांच एसओजी से करवाने के लिए डीजी तक को पत्र लिख दिया है। आरबीआई, इनकम टैक्स के अधिकारी पहले ही इस मामले पर नजर रखे हुए है। आईजी ऑफिस की छह टीमें अलग से जांच शुरू कर रही है।
