

नई दिल्ली। देश-दुनिया में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के बाद अब राजस्थान में भी सतर्कता बढ़ा दी है। इसके लिए जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी की जांच के लिए लैब शुरू कर दी है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोगों को इस बीमारी से अवेयर करने के लिए कैंपेन चलाने का निर्णय किया।
डॉ. बगरहट्टा ने बताया कि राज्य सरकार ने मंकीपॉक्स के बारे में पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी है। हम अपने स्तर पर अब लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे। वहीं हमने अपने यहां इस वायरस की जांच की फैसेलिटी भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अगर जयपुर में कोई केस मंकीपॉक्स का आता है तो उसके लिए क्र॥स् में अलग से डेडिकेटेड वार्ड बना रखा है, जहां मरीज को भर्ती किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 3 मरीज केरल में और 1 दिल्ली में मिला है। अब तक 4 संदिग्ध केस भी सामने आ चुके हैं। सभी के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भिजवाए गए है, हालांकि, अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
अब पुणे नहीं भेजने पड़ेंगे सैंपल
डॉ. बगरहट्?टा ने बताया कि अब लैब खुलने के बाद हमे यहां कलेक्ट किए जाने वाले सैंपल को जांच के लिए पुणे की लैब में नहीं भेजने पड़ेंगे। हमने मेडिकल कॉलेज में ही इसकी व्यवस्था शुरू कर दी है। सैंपल कलेक्शन का काम एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ही है। उन्होंने बताया कि जयपुर के अलावा अन्य दूसरे बड़े शहरों में भी सैंपल कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे, इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को पत्र लिखेंगे, ताकि सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजे जा सके।

24 घंटे में मिलेगी रिपोर्ट
मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की एचओडी और सीनियर प्रोफेसर डॉ. भारती मल्होत्रा ने बताया कि देश में अब 15 लैब में मंकीपॉक्स वायरस की जांच की जा रही है, जिसमें जयपुर भी शामिल है। ढ्ढष्टरूक्र की ओर से हमे किड दिए गए थे और हमारे पास एडवासं मशीन पहले से मौजूद है। सैंपल मिलने के 24 घंटे के दौरान हम रिपोर्ट देने में सक्षम है।
- Advertisement -
विदेश से आने वाले रहे सतर्क
जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा के मुताबिक इस मामले में अब सतर्क रहना चाहिए। खासकर उन लोगों को जो दूसरे देशों से यात्रा करके भारत पहुंच रहे है। इसमें भी वे लोग ज्यादा सतर्क रहे, जो अफ्रीकी देशों से यहां आ रहे है। जिन लोगों के बुखार, गर्दन में गांठे, पूरी बॉडी पर चिकनपॉक्स जैसे दाने की समस्या आ वह तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस केस में मरीज के प्राइवेट पार्ट और मल द्वार के आसपास एनोजेनाइटल पेन होता है।